RUMORED BUZZ ON APSARA SADHNA

Rumored Buzz on apsara sadhna

Rumored Buzz on apsara sadhna

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कैसे जाने की किसी ने काला जादू कर दिया है kaise jaane ke kisi ne kala jaadu kar diya hai

मनोविकार: अप्सरा साधना के अधिक प्रयास से, मनोविकार जैसे कि उत्सुकता, मानसिक विकार, और अधिक समय की अनियामितता भी हो सकती है।

कामेच्छी अप्सरा साधना परिचय- अमराबती स्वर्गलोक के देबराज इन्द्र की राजधानी का ऐश्वर्य बहाँ की १६,१०८ अप्सराओं की कृपा का प्रसाद कहा जाता है । इन १६,१०८ में से १०८ अप्सराएं तो इन्द्र भगबान ने बेदों की १०८ ऋचाओं की साधना करके स्वयं प्रकट की थीं । इन १०८ की नायिका मेंनका और रम्भा आदि हैं । नर नारायण की तपस्या से डरकर इन्द्रदेब ने रम्भा, मेंनका आदि १६ प्रमुख अप्सराएं भेजीं । तब नर ने क्षुब्ध होकर अपनी दायीं जंघा पर हथेली मारकर उर्बशी आदि १६००० अप्सराएं उत्पन्न करके इन्द्र के पास भेज दीं ।

हिन्दू पौराणिक कथाओं में अप्सराएं कई शक्तिशाली गुणों से संपन्न होती हैं, जैसे कि:

My identify is Rudra Nath, I am a Nath Yogi, I've finished deep study on Tantra. I've figured out this know-how by living near saints and skilled people.

will come whenever you will bear in mind and Keep to the Guidelines of you. Present the flower garland in her neck and sweets to eat. In reply Apsara will 

माला के सहाय्य से मंत्र जप करें। प्रातःकाल माला को नाभि के सामने, दोपहर को ह्रदय के सामने, सायंकाल मस्तक के सामने रखें।

जल्दबाजी नहीं करें, साधना की निर्धारित अवधि में करें।

उम्मीद है कि ये नियम आपके लिए उपयोगी सिद्ध होंगे।

Apsara Sadhana is usually a transformative class that delves into the ancient observe of connecting with celestial beings often known as Apsaras.



If you're able to start out accomplishing this Sadhana with a Friday evening, it might bring better energies to your daily life.

इन तकनीकों के माध्यम से साधक अप्सरा साधना में अप्सरा देवियों के संग आत्म-विकास, आत्म-संयम, और आत्म-समर्पण का अभ्यास करते click here हैं और उनसे आत्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं।

इस अप्सरा की कामेच्छा कभी शांत नहीं होती सदैब यह कामपीडित बनी रहती है इसीलिए इसका नाम कामेच्छी पडा है। इसका अनुष्ठान सरल है । सोमबार के कमलधारिणी देबी का चित्र ले। एकान्त स्थान पर रात्रि में उक्त मंत्र से पूजा कर ७ दिन तक हकीक माला से ११००० जप करे तो देबी सिद्ध हो जाती है प्रभाब स्वयं पता चलता है ।

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